बुद्ध गीत-Buddha Hi Buddha Hai-Hindi Buddha Geet Lyrics-Singer-Sonu Nigam -Album -Buddha Hi Buddha Hai
Buddha Hi Buddha Hai
"The Buddha Within"
बुद्ध हि बुद्ध है, बुद्ध हि बुद्ध है
हर जगह , हर समय वो सिद्ध है वो सिद्ध है || (२)
मन मे तुम्हारे बसतावो गुणवान है
सम्यक शिक्षा से करता जो शीलवान है
अहिंसा की ताकत सेजो बलवान है वो बुद्ध है ||
स्वयं पर स्वयं तू ध्यान कर ,
हलचल ह्रीदय की स्पन्दानो को जान कर
नित्य नियंत्रण सेखुदकी पेहेचान कर
पायेगा जाब तू विजय स्वार्थ पर
विकृती पर तू निरंतर मात कर
ध्रीढ निश्चय से जब चित्त तेरा शुद्धहै तू बुद्ध है ||
परिवर्तन हि है येजीवन का नियम
क्यो न हो ये धर्म का भी अधिनियम,
मैत्री प्रग्या शील हो जिसमे
सदैव तन मन पर सय्यम
कर पूजा सदगुनो की ए नादान
ईश्वर क्या बने , तू पहले बन इन्सान
कार्म्कांडो से नाही मिलता भगवान
चमत्कार नाही दुनिया मे तू मान
मानव सेवा हि तुझसेनितीबद्ध है तू बुद्ध है ||
जब चाले हिंसा हिआंधी
निर्लज्ज उठाये पापो का तुफान
ले चला जगात को विनाश के पथ पर
बेधुंद अहंकारी बना इन्सान
देखो उसे धून्डो उसेपाओ उसे , अंतर मन मे , जन मन तन मे
दीपक शांती का , करूणा का वो सागर
प्रग्या कि जो मूर्ती, दिव्या भाग्याशील नगर
देखो उसे धून्डो उसे पाओ उसे , यस जगात का ,
इस धारा का वोमार्गादाता श्रेष्ठ है , वो बुद्ध है ||